पुराण विषय अनुक्रमणिका PURAANIC SUBJECT INDEX (From Paksha to Pitara ) Radha Gupta, Suman Agarwal & Vipin Kumar
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Puraanic contexts of words like Pada, Padma / lotus, Padmanaabha etc. are given here.
पद्म अग्नि ८१.५०( चक्रवर्ती पद प्राप्ति हेतु होम द्रव्य पद्म का उल्लेख ), ३२०.१०( भोग, मोक्ष आदि कामना अनुसार बाल, युवा आदि पद्मों की रचना ), ३२४.१४( दल विन्यास के अनुसार नियति, माया आदि तत्त्वों की स्थिति ), ३७४.२१( विष्णु नाभि के पद्म में अष्ट दल अणिमा आदि ऐश्वर्यों के रूप, नाल वैराग्य का रूप होने का कथन ), गणेश २.१०.२३( वसिष्ठ द्वारा महोत्कट गणेश को सर्वदा विकसित पद्म भेंट करना ), २.८५.२६( पद्महस्त गणेश से अङ्गुलि रक्षा की प्रार्थना ), गरुड १.८( पद्म निर्माण विधि ), १.९.८( हस्त का रूप ), १.५३( पद्म-महापद्म निधियों का स्वरूप ), १.२२७.३७/१.२३५.३७( पद्म के अवयवों के आध्यात्मिक रूप का कथन ), ३.११.१९(विष्णु की नाभि से उत्पन्न पद्म की विशिष्टता), पद्म १.३४.१००(षोडशात्मा पद्म का उल्लेख ), १.४०.२( हिरण्मय पद्म रूपी पृथिवी का वर्णन ), २.१०१.४०( अशोकसुन्दरी के अश्रुओं के गङ्गा में पतन से पद्मों के उत्पन्न होने का वृत्तान्त ), २.१२१.१२+ ( कामोदा युवती के दुःख के कारण उत्पन्न अश्रुओं के गङ्गा में पतन से रक्त पद्मों की उत्पत्ति, विहुण्ड दैत्य द्वारा रक्त पद्मों से शिव की पूजा करने के कारण नष्ट होने का विस्तृत वृत्तान्त ), ३.६२.२( पुराणों में पद्म पुराण के श्रीहरि के हृदय रूप होने का उल्लेख, अन्य पुराणों का अन्य अङ्गों के रूप में उल्लेख ), ६.१६.१९( शिव रूप धारी जालन्धर के आगमन पर पार्वती का सरोज में प्रवेश तथा सखियों का कमल में भ्रमर बनने का उल्लेख ), ७.१३.८८( कार्तिक मास में कमलापति को पद्म अर्पित करने का माहात्म्य : निर्दय शबर द्वारा विप्र को विष्णु पूजा हेतु पद्म देने पर शबर का ब्राह्मण कुल में जन्म व मोक्ष प्राप्ति ), ब्रह्माण्ड २.३.७.१२४( मणिभद्र यक्ष व पुण्यजनी के २४ पुत्रों में से एक ), २.३.७.३२९( भद्र हस्ती व अभ्रमु के ४ हस्ती पुत्रों में से एक ), २.३.७.३३१( पद्म हस्ती के ऐलविल/कुबेर के वाहन होने का उल्लेख ), २.३.७.३३२( पद्मगुल्म : मृगश्याम हस्ती के ८ पुत्रों में से एक ), २.३.७.३३२( पद्मोत्तम : मृगश्याम हस्ती के ८ पुत्रों में से एक ), ३.४.२०.५३( प्रधान नागों में से एक ), भविष्य १.३४.२३( पद्म नाग का बृहस्पति ग्रह से तादात्म्य ), ३.४.२५.१०२( पद्म कल्प का वर्णन ), ४.३९( पद्म षष्ठी व्रत की विधि व महत्त्व ), भागवत ११.१६.३०( भगवान् के रूपवानों में पद्मकोश होने का उल्लेख ), मत्स्य ११४.५३( विन्ध्य पृष्ठ के जनपदों में से एक ), १३३.३३( त्रिपुरारि के रथ में हयों के बालबन्धन के लिए प्रयुक्त नागों में से २ ), १६८.१५(एकार्णवशायी श्रीहरि की नाभि से सहस्रदल पद्म का प्राकट्य, पद्म से ब्रह्मा का प्राकट्य ), १६९( पृथिवी रूपी पद्म के महत्त्व का वर्णन ),१७९.७३( पद्मकरा : रेवती मातृका की अनुचरियों में से एक ), मार्कण्डेय ६८.८/६५.८( पद्म व महापद्म निधियों के आश्रित पुरुषों के गुणों का कथन ), लिङ्ग १.८१.३०( पद्म पर शिव की स्थिति का कथन ), वराह ६२( आरोग्य व्रत माहात्म्य के अन्तर्गत राजा अनरण्य के सारथी द्वारा दिव्य पद्म के आहरण की चेष्टा पर मृत्यु तथा राजा के कुष्ठग्रस्त होने का वृत्तान्त ), वायु २१.११( सप्तम कल्प का नाम ), ३४.६२( पद्म कर्णिका में अश्रि /कोण की संख्या ), ४१.१०( कुबेर की ८? निधियों में से एक ), ६२.१८७/२.१.१८४( गन्धर्वों व अप्सराओं द्वारा पद्म पात्र में पृथिवी रूपी गौ के दोहन का उल्लेख ), ६९.१५५/२.८.१५०( मणिभद्र यक्ष व पुण्यजनी के २४ पुत्रों में से एक ), ६९.२१६/२.८.२१०( पद्म हस्ती के ऐलविल का वाहक होने का उल्लेख ), १०१.१००/२.३९.१००( सहस्र संख्या का परिपद्म नाम ), विष्णुधर्मोत्तर ३.३७.१२( नेत्रों की आकृतियों के संदर्भ में पद्म पत्र समान नेत्रों का कथन ; रोदन से पद्मपत्र समान आकृति ), ३.४५( देवों की प्रतिष्ठा हेतु पद्म के स्वरूप व मान का कथन ), ३.८२.८( लक्ष्मी के मस्तक पर पद्म सौभाग्य का प्रतीक होने का उल्लेख ), ३.८२.९( लक्ष्मी के कर में पद्म का प्रतीकार्थ : विभव ), ३.८२.१०( लक्ष्मी की मूर्ति में हस्ती द्वय का प्रतीकार्थ : शंख व पद्म निधियां ), शिव २.१.११.४५( प्रणव की पद्म रूप में कल्पना, पद्म के अणिमा आदि दलों का कथन, कर्णिका सोम ), ५.१७.३३( लोक रूपी पद्म में मेरु पर्वत के कर्णिका होने तथा जठर आदि पर्वतों के पत्र होने का कथन ), ७.१.३३.३०( पाशुपत व्रत विधान में पद्म कर्णिका में लिङ्ग के कल्पन का निर्देश ), ७.१.३३.४५( पाशुपत व्रत विधान में पद्म के बाहर आवरणों में पूजा विधान का कथन ), ७.२.३२.७८( वह्नि के पद्म बनने की संभावना का उल्लेख ), ७.२.३८.६१( देह के अन्दर स्थित विभिन्न चक्र रूपी पद्मों पर शिव - पार्वती के ध्यान का निर्देश ; चक्र रूपी पद्मों का वर्णन ), स्कन्द २.२.२५.९( सुभद्रा के रथ के पद्म ध्वज का उल्लेख ), ४.२.८४.११( पद्म तीर्थ का संक्षिप्त माहात्म्य ), ५.२.६२( कण्व - कन्या से बलात्कार के कारण कण्व द्वारा राजा पद्म को कुरूपता का शाप, रूपेश्वर लिङ्ग की पूजा से पद्म की मुक्ति ), ५.३.१३.४५( २१ कल्पों में १९वें कल्प के रूप में पाद्म कल्प का उल्लेख ), ५.३.२२.५( पद्मक : गार्हपत्य अग्नि के २ पुत्रों में से एक ), ५.३.५६.८४( शबर द्वारा एकादशी को जनार्दन पूजा हेतु राजपुत्री को बिना मूल्य लिए पद्म देने का वर्णन ), ५.३.५७.१२( पञ्चदशी तिथि को पद्मक पर्व के लिए अपेक्षित वार, नक्षत्र, योग, करण आदि तथा महत्त्व का कथन ), ७.१.२९.२( प्रभास क्षेत्र में पद्म कुण्ड में स्नान की विधि व माहात्म्य ), हरिवंश ३.११+( श्रीहरि की नाभि से पद्म का प्राकट्य, पद्म की विराटता का वर्णन ), योगवासिष्ठ ३.१५.१९( लीला - पति राजा पद्म के चरित्र की महिमा ), ३.२०.१( पद्म राजा : पूर्व जन्म में वसिष्ठ ब्राह्मण ), ३.२५( लीला व सरस्वती द्वारा दृष्ट भू कमल के रूप का वर्णन ), ३.३२+ ( पद्म राजा के सिन्धुराज से युद्ध का वर्णन ), ३.४१.२०( राजा, अपर नाम विदूरथ, नभोरथ व सुमित्रा - पुत्र ), ३.५८+ ( सरस्वती द्वारा मृत राजा पद्म को जीवित करने का वृत्तान्त ), ५.३१.५२( विष्णु की नाभि में उत्पन्न कमल का विष्णु के करगत होने का उल्लेख ), ६.१.१२६.३७( विवेक पद्म का कथन ), ६.२.११७.१६( बाह्य जल व अन्तर्जगत के जल की तुलना करते हुए पद्म, भ्रमर व हंस का वर्णन ), वा.रामायण ७.१५.१६( रावण से युद्ध को उन्मुख कुबेर के ४ अनुचरों/मन्त्रियों में से एक ), महाभारत शान्ति ३५३.१+( महापद्मपुर के विप्र को अतिथि द्वारा उपदेश आदि का वर्णन ), लक्ष्मीनारायण १.५४१.६( राजा नन्द द्वारा मानसरोवर में स्थित ब्रह्मा के नाभिपद्म को प्राप्त करने की लालसा पर कृष्ण वर्ण होने तथा पद्म पर स्थित ब्रह्मा की स्वर्णमूर्ति की आराधना करने से कृष्णता दोष से मुक्ति का वृत्तान्त ), २.१७६.२९( ज्योतिष में पद्म योग का उल्लेख ), ३.१४२.१२( पद्म नाग के गुरु व महापद्म के भार्गव ग्रह से सम्बद्ध होने का उल्लेख ; स्व गृह में सर्प के दंशन पर जीवित न रहने का उल्लेख ), ३.१५१.७३( विष्णु भक्त हेतु पुण्यार्थ दिए गए द्रव्य की पद्म संज्ञा का कथन ), कथासरित् ३.६.७( पद्मपुर में अग्निदत्त विप्र के मूर्ख पुत्र सोमदत्त का वृत्तान्त ), ७.६.८४( राजा अजर द्वारा वैद्य को स्वर्ण पद्मों के उद्गम स्थान के अन्वेषण का निर्देश, वैद्य द्वारा पद्मों के उद्गम नरकंकाल को तीर्थ में फेंकना, नरकंकाल का रहस्य ), ९.२.११८( खड्गधर क्षत्रिय द्वारा पद्मकवल नामक मत्त हस्ती के वध का कथन ), १०.३.८६( पद्मकूट विद्याधर व हेमप्रभा की कन्या मनोरथप्रभा का वृत्तान्त ), द्र. महापद्म padma
पद्मकिरण वामन ९०.१६( पम्पा में विष्णु के पद्मकिरण नाम से वास का उल्लेख )
पद्मगन्धा पद्म ७.८.२८( शक्र की प्रिय दासी , पूर्व जन्म में क्रौञ्च, गङ्गा महिमा से शक्र की दासी बनना )
पद्मनाभ गणेश २.३२.२०( पद्मनाभि : प्रियव्रत व प्रभा - पुत्र ), गरुड १.८७.३७( कालकाक्ष असुर के वधकर्ता विष्णु का नाम ), १.१९७.१२( पद्मनाभ सर्प की वरुण मण्डल/महाभूत में स्थिति का उल्लेख ), ३.२९.६४(निद्राकाल में पद्मनाभ के ध्यान का निर्देश), नारद १.६६.८९( पद्मनाभ की शक्ति श्रद्धा का उल्लेख ), १.८५.११७( अक्षोभ्य मन्त्र के परित: षट्कोण के देवताओं में से एक पद्मनाभ का उल्लेख ), पद्म ६.१२०.७३( पद्मनाभ से सम्बन्धित शालग्राम शिला के लक्षणों का कथन ), ब्रह्माण्ड १.२.१९.१७७( पद्मनाभ के महत्त्व का कथन ), २.३.७.१३०( मणिवर यक्ष व देवजनी के यक्ष व गुह्यक पुत्रों में से एक ), २.३.३३.१७( कवच में पद्मनाभ से नाभि की रक्षा की प्रार्थना ), भागवत ६.८.२१( पद्मनाभ से निशीथ काल में रक्षा की प्रार्थना ), वराह ४९( आश्विन् शुक्ल पद्मनाभ द्वादशी व्रत की विधि व माहात्म्य : वैश्य - दास व दासी द्वारा विष्णु मन्दिर में दीप प्रज्वालन से जन्मान्तर में राजा व रानी बनना ), वामन ९०.२२( उत्तरकुरु में विष्णु का पद्मनाभ नाम ), ९०.३३( क्रौञ्च द्वीप में विष्णु का पद्मनाभ नाम ), वायु ६९.१६१/२.८.१५६( मणिवर यक्ष व देवजनी के यक्ष व गुह्यक पुत्रों में से एक ), विष्णुधर्मोत्तर १.१८४.७( नवम मन्वन्तर में वसुनाभ - पुत्र चक्रवर्ती राजा पद्मनाभ द्वारा राजा कालकक्ष के वध का कथन ), ३.८१( पद्मनाभ की मूर्ति का रूप ), ३.११८.४( पुत्रकामी के लिए पद्मनाभ की पूजा का निर्देश ), स्कन्द २.१.२३( पद्मनाभ द्वारा चक्र तीर्थ में तप, चक्र द्वारा असुर से रक्षा ), २.१.२८.५६( केशव - पिता पद्मनाभ द्विज का ब्रह्महत्या से मुक्ति के सम्बन्ध में भरद्वाज से वार्तालाप ), ५.३.१४९.११( आश्विन् द्वादशी को पद्मनाभ नाम के कीर्तन का निर्देश ), महाभारत शान्ति ३५५.४+ ( अतिथि द्वारा प्रबोधन पर ब्राह्मण का नागराज पद्मनाभ से मिलन हेतु गमन, परस्पर संवाद ), लक्ष्मीनारायण १.२५९.८( आश्विन् शुक्ल एकादशी को पद्मनाभ की पूजा ), १.२६५.११( पद्मनाभ की पत्नी पद्मावती का उल्लेख ), १.४०४.१९( पद्मनाभ विप्र द्वारा चक्र पुष्करिणी तट पर तप, सुदर्शन चक्र द्वारा विप्र की राक्षस से रक्षा आदि ), ३.१६४.६०( नवम मन्वन्तर में पद्मनाभ अवतार द्वारा कालकाक्ष के वध का उल्लेख ), ४.१०१.६८( कृष्ण - पत्नी कमला के पुत्र पद्मनाभ का उल्लेख ), कथासरित् १२.२०.३४( पद्मनाभ विप्र की पत्नी द्वारा दिए गए भोजन से हरिस्वामी ब्राह्मण की मृत्यु का वृत्तान्त ), १२.२८.४( विशाला पुरी के राजा पद्मनाभ की नगरी में अर्थदत्त वणिक् की कन्या अनङ्गमञ्जरी का वृत्तान्त ) padmanaabha
पद्मनिधि स्कन्द २.२.२३.७७( ब्रह्मा द्वारा पद्मनिधि को भूतल पर प्रासाद निर्माण हेतु वस्तु सम्भरण का निर्देश ), २.२.२४.४१( ब्रह्मा की आज्ञा से पद्मनिधि द्वारा नीलाद्रि शिखर पर प्रासाद निर्माण हेतु सामग्री का सम्भरण / सम्पादन ), २.२.२५( इन्द्रद्युम्न की आज्ञा से पद्मनिधि द्वारा कृष्ण परिवार के रथों का निर्माण ), पञ्चतन्त्र ५.१( श्रेष्ठी के समक्ष पद्म निधि का क्षपणक रूप में प्रकट होना, श्रेष्ठी द्वारा शिर पर प्रहार, स्वर्ण में रूपांतरित होना), padmanidhi
पद्मनेमि लक्ष्मीनारायण १.३११.४४( समित्पीयूष नृप की २७ पत्नियों में से एक, कृष्ण के कर में पुष्प गुच्छ देने का उल्लेख ),
पद्मपत्रा लक्ष्मीनारायण १.३११.३५( समित्पीयूष नृप की २७ पत्नियों में से एक, कृष्ण के ललाट पर चन्दन का पुण्ड्र देने का उल्लेख )
पद्मप्रभा कथासरित् १४.४.१७९( महादंष्ट} - पुत्री, वायुवेगयशा की ४ सखियों में से एक, नरवाहनदत्त की भार्या बनना )
पद्मबन्धु स्कन्द २.७.२४.५३( पद्मबन्धु द्विज द्वारा द्वादशी के पुण्य दान द्वारा शुनी के उद्धार का वृत्तान्त ),
पद्मभू स्कन्द ७.१.७.१४( द्वितीय कल्प में ब्रह्मा का नाम )
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